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नागपुर समाचार : नागपुर पुलिस ने वाठोडा में पांच घंटे की खोज के बाद दो लापता मूक-बधिर बच्चों को बचाया

नागपुर समाचार : वाठोडा के बिडगांव से लापता हुए दो मूक-बधिर बच्चों को स्थानीय निवासियों की सहायता से नागपुर पुलिस के नेतृत्व में पांच घंटे के गहन तलाशी अभियान के बाद सुरक्षित पाया गया। बच्चों के सफल बचाव से उनके परिवार और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को बहुत राहत मिली है।

पांच और छह साल के ये बच्चे 15 दिन पहले ही बिहार से नागपुर आए थे और बिडगांव में अपने रिश्तेदारों के पास रहने आए थे। अपने आस-पास के माहौल से अनजान ये बच्चे शनिवार शाम करीब 5 बजे लापता हो गए, जब उन्हें आखिरी बार अपने घर के बाहर खेलते हुए देखा गया था। जब वे वापस नहीं लौटे, तो परिवार के सदस्यों ने तलाश शुरू की और बाद में वाथोडा पुलिस स्टेशन को सूचित किया।

पुलिस ने शहरव्यापी तलाशी अभियान शुरू किया

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चों की तस्वीरें और शारीरिक विवरण सभी स्थानीय पुलिस स्टेशनों और शहर के नियंत्रण कक्ष में प्रसारित कर दिए। पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंघल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अभियान की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।

बीट मार्शल और अपराध शाखा कर्मियों सहित कई टीमों को तैनात किया गया था। पुलिस गश्ती वाहन आवासीय क्षेत्रों में घूमे, संदेश प्रसारित किए और जानकारी के लिए अपील की। जनता ने भी सक्रिय भूमिका निभाई, कई निवासी तलाशी में शामिल हुए।

छतरपुर फार्म एरिया में रेलवे ट्रैक के पास मिले बच्चे

तलाश के दौरान एक स्थानीय निवासी ने पुलिस को बताया कि बच्चों को रेलवे पुल और जलाशय के पास देखा गया है। अधिकारी मौके पर पहुंचे और अनहोनी की आशंका के चलते जलाशय में तलाश भी की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

आखिरकार, रात करीब 2:30 बजे, बच्चों को छतरपुर फार्म के पास रेलवे ट्रैक के पास घूमते हुए पाया गया, जो उनके घर से करीब 3 किलोमीटर दूर था। उन्हें तुरंत पुलिस स्टेशन लाया गया और बाद में उनके परिवार से मिलवाया गया।

बच्चे भटक गए थे, मदद के लिए पुकार भी नहीं पाए

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्चे खेलते समय अनजाने में रास्ता भटक गए थे। बोलने और सुनने में अक्षम होने के कारण वे मदद के लिए पुकार भी नहीं पाए और रास्ता भूल गए।

समुदाय और पुलिस टीमवर्क की सराहना

इस अभियान का नेतृत्व पीआई हरीश बोराडे और पीएसआई माधव गुंडेकर ने किया, जिसमें स्थानीय निवासियों सचिन ढोमने, प्रज्वल वासनिक और गुड्डू शेवने का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में उनकी समय पर सहायता महत्वपूर्ण रही।

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