नागपुर समाचार : पिछले कुछ दिनों में नागपुर में कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक हुई वृद्धि ने मनपा और स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। पिछले पांच महीनों में 15 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं और उनमें से दो की मौत हो चुकी है। इस पृष्ठभूमि में प्रशासन ने शहर के सभी 10 जोन में स्क्रीनिंग सेंटर खोलने का फैसला किया है।
बताया गया है कि नागपुर के सरकारी मेडिकल अस्पताल और एक निजी अस्पताल में एक-एक मरीज की मौत हुई है। इनमें से एक मरीज नागपुर शहर का और दूसरा चंद्रपुर जिले का था। मृतक मरीजों को एचआईवी, टीबी और किडनी रोग जैसी गंभीर बीमारियां थीं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई थी। इसलिए कोरोना संक्रमण उनके लिए ज्यादा घातक था।
जनवरी से अब तक शहर में 85 लोगों की कोविड जांच की गई है और उनमें से 15 पॉजिटिव पाए गए हैं। बाकी सभी निगेटिव थे। गौरतलब है कि अप्रैल में मरीजों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी, लेकिन मई में 26 जांच में 10 लोग पॉजिटिव पाए गए। वर्तमान में 4 मरीज सक्रिय हैं, जबकि अन्य को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। यह स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है क्योंकि अप्रैल की तुलना में मई में मामलों की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है।
राज्य सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में तत्काल कार्रवाई रिपोर्ट तैयार करने और इसे जिला प्रशासन को सौंपने का निर्देश दिया है। इसके अलावा आवश्यक दवाओं, पीपीई किट, आइसोलेशन बेड, मेडिकल ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का मौजूदा ओमीक्रॉन वैरिएंट अपेक्षाकृत हल्का है। हालांकि, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों से मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करने, भीड़भाड़ से दूर रहने और जरूरत पड़ने पर तुरंत जांच कराने और इलाज कराने का आग्रह किया गया है। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और सह-रुग्णताओं वाले लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।