नागपुर समाचार : राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने आरोप लगाया है कि मंत्री नितेश राणे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा हैं। नितेश राणे जानबूझकर देवेंद्र फडणवीस के नाम का इस्तेमाल कर विवादित बयान देते हैं। इससे मुख्यमंत्री की छवि खराब होती है। उन्होंने कहा कि आयोग को उनके खिलाफ एक-दो नहीं बल्कि 40 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इस दौरान उन्होंने राणे को चुनौती भी दी कि अगर सरकार वर्चुअल ईद मनाने का कानून बनाती है तो वह कानून का पालन करें।
प्यारे खान ने कहा कि नितेश राणे बार-बार देवेंद्र फडणवीस का नाम लेकर बोलते हैं। वह महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय मुसलमान ईमानदार हैं, जबकि पाकिस्तान गए लोग बेईमान हैं। हम भी चाहते हैं कि महाराष्ट्र में गोहत्या प्रतिबंध कानून का पालन हो। लेकिन बकरे से कई लोगों को रोजगार मिलता है। इसलिए अगर इसकी कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो यह हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के साथ अन्याय होगा।
खान ने आगे कहा, “जिस दिन राज्य में वर्चुअल ईद मनाने का कानून लागू होगा, उसी दिन वर्चुअल ईद मनाई जाएगी। ईद वर्तमान में जो कानून है, उसी के अनुसार मनाई जा रही है। गोहत्या पर प्रतिबंध है, यही कानून है। इसका पालन होना चाहिए।”
राणे के खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी
प्यारे खान ने आगे कहा कि, “देवेंद्र फडणवीस सिर्फ हिंदू समाज के मुख्यमंत्री नहीं हैं। वे सबके हैं। वे सबके काम करते हैं। इसलिए नितेश राणे को उनके बारे में बात करने से पहले अपनी छवि बनानी चाहिए। पूरी दुनिया फडणवीस को जानती है। आप अपनी निजी राय जाहिर करें। इसमें दूसरों को शामिल न करें। अगर नितेश राणे में देवेंद्र फडणवीस के संस्कार होते तो वे ऐसा व्यवहार नहीं करते। अगर कुछ गलत हो रहा है तो नितेश राणे के खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी।”
प्यारे खान ने इस मौके पर भाजपा सरकार की भी तारीफ की। भाजपा सरकार ईमानदार है। उनकी सरकार में कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। भाजपा ने गलत व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसलिए अब नितेश राणे का नंबर आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नितेश के खिलाफ मेरी मुख्यमंत्री से शिकायत है।
राणे ने क्या कहा था?
सोमवार को नितेश राणे ने मुस्लिम समुदाय को बकरीद वर्चुअल तरीके से मनाने की सलाह दी थी। मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं को बकरीद को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाने की अपील करनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो अनावश्यक समस्याओं को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे खासकर हिंदुओं को अपने समाज में प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा। राणे ने इस मामले में चेतावनी भी दी थी कि अगर तय नियमों और कानूनों का पालन किए बिना बकरों की कुर्बानी दी गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।