
नागपुर : कोरोना संक्रमण से मौत के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए परिजनों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन से सही जानकारी नहीं मिलने के कारण मृतकों के परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है। एम्स में पिता की मृत्यु हो जाने पर एक बेटे को मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए इस जोन से उस जोन घूमने पर भी प्रमाणपत्र नहीं मिलने का मामला सामने आया है।
सिविल लाइंस स्थित एक व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ। इलाज के लिए उन्हें एम्स में भर्ती किया गया। 9 सितंबर को उपचार दौरान दम तोड़ दिया। उनके मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए एम्स से संपर्क किया। उसे बताया गया कि मृत्यु प्रमाणपत्र मनपा से जारी किया जाता है। मनपा मुख्यालय में पूछताछ करने पर बताया गया कि जिस जोन में रहते हैं, उस जोन में मिलेगा। उनका निवासी क्षेत्र धरमपेठ जोन में आता है, इसलिए धरमपेठ जोन पहुंचा। वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि एम्स लक्ष्मी नगर जोन अंतर्गत आता है। वहां से मृत्यु प्रमाणपत्र मिलेगा। लक्ष्मी नगर जोन जाने पर कहा गया कि जिस घाट पर दहन किया गया, उसी घाट से संपर्क करने पर पता चलेगा।
मोक्षधाम घाट पर दहन किया गया, इसलिए वहां गए। घाट पर उपस्थित कर्मचारी ने कहा, यह धंतोली जोन में आता है। वहां जाकर पूछताछ करने पर पता चलेगा। धंतोली जोन में जाने पर बताया गया कि जिस अस्पताल में मृत्यु हुई, उस अस्पताल से पता करने पर सही जानकारी मिलेगी। इस जोन से उस जोन चक्कर काटने के बाद अंत में पुन: एम्स से संपर्क किया गया। सारी आपबीती बताने पर उपस्थित कर्मचारी रिकार्ड खंगाला। आखिरकार उसे बताया गया कि एम्स खापरी ग्राम पंचायत अंतर्गत आता है। वहां से प्रमाणपत्र मिलेगा। आज रिपोर्ट ग्राम पंचायत को भेजी गई है।