नागपुर समाचार : उपराजधानी में अपराध की दुनिया में अब बालगुन्हेगारों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। पिछले ढाई सालों में नाबालिग अपराधियों की संख्या दो सौ के पार पहुँच चुकी है। इन अपराधों में चोरी, लूटपाट और हत्या जैसे संगीन मामले शामिल हैं।
चार महीने पहले एक कुख्यात गुन्हेगार की हत्या के मामले में पुलिस ने 17 वर्षीय बालगुन्हेगार को गिरफ्तार किया था। सुधारगृह से लौटने के कुछ ही समय बाद उसने फिर से लूटपाट और चोरी जैसे अपराधों को अंजाम देना शुरू कर दिया था।
पिछले सप्ताह इसी बालगुन्हेगार ने अपने तीन नाबालिग साथियों के साथ मिलकर 15 लाख की सुपारी लेकर एक प्रॉपर्टी डीलर की बेरहमी से हत्या कर दी। चार महीने में दूसरा खून करने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंद्रकुमार सिंगल के नेतृत्व में अब उपराजधानी में सक्रिय इन कुख्यात बालगुन्हेगारों की एक अलग सूची तैयार की गई है। आंकड़ों के अनुसार नागपुर के कपिल नगर, जरीपटका, अजनी, हुडकेश्वर, सक्करदरा, नंदनवन, गिट्टीखदान और अंबाझरी जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा बाल अपराधी सक्रिय हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि इन बालगुन्हेगारों पर लगाम कैसे कसी जाएगी? हालांकि पुलिस प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है।