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नागपुर समाचार : नागपुर में जापानी युवक ने रचाया हिंदू रीति रिवाज से विवाह

नागपुर समाचार : (डॉ. प्रवीण डबली) कहते हैं प्यार अंधा होता है। वह किसी जात, धर्म, पंथ, समुदाय और किसी राष्ट्र की सीमाओं को नहीं मानता। लेकिन प्यार विश्वास की डोर से बंधा होता है। उस डोर की मजबूती ही उस रिश्ते का आधार व समर्पण होती है। ऐसे ही विश्वास और समर्पण की डोरी ने ‘नागपुरी गुड़िया’ को ‘जापानी गुड़िया’ बना दिया। जापानी युवक के प्रेम, समर्पण व विश्वास से नागपुर की नागपुर की “नुपुर” स्वाखुशी से ‘जापानी गुड़िया’ बन गई।

वैसे तो विदेशी लड़की के साथ विवाह के तो तमाम मामले सामने आए है, लेकिन नागपुर में मामला शुक्रवार को काफी अलग दिखा। जापान के युवक नाओशिगे नाकामुरा (नाओ) ने नागपुर की नुपुर के साथ हिंदू रीति रिवाज से नागपुर में विवाह रचाया। राजू विट्ठलराव जुमड़े व सविता राजू जुमड़े की बेटी है नूपुर। इस अनोखे विवाह में रिश्तेदारों ने पूरा लुफ्त उठाया। बैंड बाजा बारात के साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी लिया। इस विवाह की एक विशेष बात यह भी थी कि जापान से यह जापानी युवक नाओ अकेले ही विवाह करने नागपुर पहुंचा। जानकारी के अनुसार नाओ के माता-पिता नहीं है। वह अकेले ही जापान के आक्सो शहर में द्विभाषक का काम करता है। उसी शहर में नूपुर को भी द्विभाषक की नौकरी मिली है।

इस विवाह की पार्श्व भूमि ऐसी है कि जापानी युवक नाओ की मुलाकात ऑनलाइन क्लासेज के दौरान हुई। जब नूपुर पुणे शहर से 8 वर्ष पहले जापानी लोगो को ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से अंग्रेजी भाषा सीखा रही थी। तब नाओ भी नूपूर का शिष्य था। कुछ समय पश्चात अक्टूबर 2022 में नूपुर जापानी भाषा सीखने के लिए आक्सो शहर गई।उसी दौरान एक दिन नाओ का मैसेज मोबाइल पर नूपुर को मिला। नूपुर ने फोटो की वजह से नाओ को पहचान लिया कि वह उसे अंग्रेजी सीखा रही थी।

दोनों की मुलाकात आक्सो शहर में हुई। नूपुर के जापानी भाषा सीखने के दौरान नाओ ने उसे भरपूर मदद की। दोनों की मुलाकात होती रही। लेकिन एक समय ऐसा आया की सात समुंदर पार नूपुर की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई। उस समय इस अनजान देश में कोई भी अपना नहीं था, लेकिन नाओ ने संपूर्ण समर्पण, विश्वास और प्रेम से नूपुर के उस कठिन दौर में उसका साथ दिया। साथ क्या देना उसने नूपुर के हर काम को अपना काम समझ कर उसके घर पर किया।इस घटना ने नूपुर के मन में भी नाओ के प्रेम ने जगह बना ली। उसके समर्पण की भावना, विश्वास ने नूपुर को भी उसकी तरफ आकर्षित कर लिया। नाओ तो पहले से ही नूपुर से प्रभावित था। लेकिन मौका वह दस्तूर नहीं बन रहा था। नूपुर की बीमारी ने दोनों को करीब लाया और एक प्रेम की कहानी शुरू हुई।

इसी दौरान नूपुर ने भी जापान में आक्सो शहर में जापानी भाषा में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया। दोनों के बीच विश्वास समर्पण और प्रेम ने अपना घर बना लिया था। नाओ ने नूपुर के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रख दिया। तब नूपुर ने यह प्रस्ताव अपने माता-पिता के समक्ष रखा कि वह नाओ से विवाह करना चाहती है। भारतीय संस्कार माता-पिता इस विवाह के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं हो रहे थे। पर बेटी के समझाने पर माता पिता इस विवाह के लिए तैयार हो गए। तय किया गया की विवाह नागपुर में अपनी भारतीय संस्कृति व हिंदू रीति रिवाज से विवाह संपन्न कराया जाए। तारीख निश्चित हुई। 23 मार्च 2024 को यह विवाह नागपुर में मंगलदीप सभागृह, छत्रपति चौक में संपूर्ण हिंदू संस्कारों से संपन्न हुआ। नाओ के लिए यह सब अलग अनुभव था। यनाओ ने भी भारतीय संस्कारों से प्रभावित होकर विवाह की संपूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण समर्पण और विश्वास से पूरा किया।

जापानी दूल्हा नाओ ने इस समय बताया कि उसे भारतीय परंपरा, भारतीय खाना, भारत के संयुक्त परिवार व उसके रिश्ते शुरू से ही आकर्षित करते रहे । नूपुर से मुलाकात के बाद उन्हें इसका आकर्षण और भी हुआ और वह नागपुर में विवाह के लिए तैयार हो गए। उन्होंने बताया की शादी के पश्चात खुद को खूब खुश महसूस कर रहे हैं। यहां उन्हें जो प्रेम और विश्वास मिला उससे विश्वास और प्रेम ने उन्हें और भी मजबूत कर दिया है। उन्होंने आश्वास दिया कि वह नूपुर के प्रति संपूर्ण प्रेम विश्वास और समर्पण को सदा बनाए रखेंगे। हल्दी से लेकर जयमाला, बारात तक नूपुर के रिश्तेदारों ने निभाया। इस तरह के अनोखे विवाह का साक्षी होने का अवसर हमे मिला। दोनों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामना।

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