नागपुर समाचार : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील केदार की विधायकी रद्द कर दिय गई है। नागपुर जिला माध्यमिक बैंक घोटाले में दोषी मानते हुए जिल और सत्र न्यायालय ने केदार सहित पांच अन्य आरोपियों को पांच साल की सजा सुनाई थी। अदालत के निर्णय के बाद रविवार को विधानमंडल सचिवालय की तरफ से अधिसूचना जारी कर केदार की विधानसभा सदस्य्ता रद्द कर दी।
क्या है मामला ?
साल 2002 में बैंक में 152 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया था. तब सुनील केदार बैंक के चेयरमैन थे । वह इस मामले में मुख्य आरोपी भी थे। मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद की कुछ कंपनियों ने बैंक फंड से 125 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदे थे। इसके बाद इन कंपनियों ने सरकारी बांड का भुगतान नहीं किया और बैंक को पैसा भी नहीं लौटाया. राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी थे। जांच पूरी होने के बाद 22 नवंबर 2002 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। यह मामला तब से लंबित था।
सावनेर विधानसभा सीट से थे विधायक
सुनील केदार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री छत्रपाल केदार के बेटे हैं। सुनील नागपुर जिले की सावनेर विधानसभा सीट से विधायक थे। 1995 में निर्दलीय के तौर पर पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद से वह लगातार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। हालांकि, 1999 के चुनाव में उन्हें हर का सामान करना पड़ा था। इसके पहले उनके पिता भी इसी सीट से विधायक रहे हैं।
फ़िलहाल अस्पताल में भर्ती
दोषी करार होने के बाद केदार को पुलिस सेंट्रल जेल ले जारही थी। इसी दौरान सुनील केदार की तबीयत खराब होने लगी. उन्हें ‘माइग्रेन’ के कारण तेज सिरदर्द और सीने में दर्द की शिकायत होने पर तुरंत मेडिकल अस्पताल में लाया गया। जहां उनके स्वास्थ को देखते हुए ICU में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने ‘ईसीजी’ भी कराया गया, जिसके आधार पर उनका जांच किया जा रहा है। फिलहाल ICU में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। वहीं बाकी अन्य आरोपियों को सेन्ट्रल जेल रवाना कर दिया गया।