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नागपूर समाचार : आज आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर नागपूर ब्रह्माकुमारीज व्दारा योग दिवस मनाया गया। जगह जगह नागपूर शहर मे योगा के कार्यक्रम किए गए। भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदीजी ने योगा डे की नीव रखी थी। 27 सितंबर को मोदीजीने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशो से योग दिवस मनाने का आव्हान किया था और सन 2015 से यह योग दिवस मनाना शुरु हुआ था। उनका उद्देष था की मानव जीवन में सुख-शांती-प्रेम आए, मानव सामाजिक, आर्थिक और मानसिक नजर से सुदृढ बने।
उन्होंने कहा था जब आप योग से जुडेंगे तो आपके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। नागपूर संचालिका ब्ररह्जमकुमारी राजयोगीनी रजनी दीदीजी ने योग का बहुत ही सुंदर अर्थ बताया। आत्मा का परमात्मा से कनेक्षन को योग कहा । उन्होंने कहा की आत्मा समझ के चलना है पर जब मै आत्मा समझकर नही चलती तब मै दुःखी होती हु। मै आत्मा अमर हु, अविनाशी हु, अजर हु, एक अलग एहसास आता है कुछ इस भारत देश के लिए कर गुजरने की इच्छा जागती है।
उन्होंने बताया खुद शब्द को उल्टा करके देखो तो दुख बनता है तो उन्होंने कहा खुद को परमात्मा से कनेक्ट करेंगे तो परमात्मा हमारी मदत के लिए तैयार रहता है। उन्होंने बताया आत्मा भृकुटी मध्य पीक्युटरी ग्लॅंड के बीच निवास करती है। परिस्थितीया बाहरी है हमें हमारी आंतरीक स्थिती बनानी है। परिस्थितीया तो आयेगी हमें उसे अपनी आंतरीक स्थिती परमात्म याद से शक्तिशाली बनाकर उस परिस्थिती पर विजय प्राप्त करना है।
युटयुब और झुम के माध्यम से भी कमसे कम 2000 लोग जुडे थे। उन्होंने साधना पर जोर दिया निरंतर परमात्मा से जुडे रहने की प्रक्टीस करने को कहा। इससे हमारे क्रोध, निराशा, दुःख के संस्कार परिवर्तीत होगे और अनकॉन्षस माइन्ड भी वह स्विकार करने लगेगा। श्रेष्ठ संकल्प ही हमें इन बाहरी परिस्थिती से निकालते है। राजयोग विधी है जिससे सिध्दी मिलती है और परमात्मा से कनेक्ट होने से सबसे कनेक्ट होते है और सिध्दी भी मिलती है। राजयोग से वील पॉवर बढता है। राजयोग से हमारे अंदर परखने की शक्ती आती है। राजयोग से हम जान सकते है खुशी हमारे अंदर है बाहर नही हैै। खुशी के लिए हमें हमारे अंदर झॉंकना हैै बाहर नही खुद से कनेक्ट होना है।
अभी तक हमने दुसरों से कॉम्पीटेशन करके और कम्पेर करके सेेल्फ रिसेक्ट खो दिया है। यदि हम दुसरों पर निर्भर रह सिध्दी प्राप्त करेंगे तो अल्पकाल की है। आधार निकल जाने से सिध्दी निकल जाती है। निंरतर हमारे जीवन में खुशी हो, शांती हो यह हमारे जीवन का लक्ष्य हो। हम स्पीरिच्युअल बीइंग है तो इस बॉडी को चलानेवाली मै कौन हूॅ मै एक आत्मा हूॅ। यही हमारी आयडेंटीटी है। जैसे बॅटरी को युज करने से बॅटरी डिसचार्ज होती है वैसे ही आत्मा भी शरीर के व्दारा कर्म में आती है तो डिसचार्ज होती है। तो चार्ज करने के लिए परमात्मा से कनेक्षन जोडना है तो परिस्थितीयो पर सहज विजय प्राप्त होगी।
परमात्मा से कनेक्ट हो अपने मनरुपी मटके में सर्व शक्तीयों से भरपूर हो सकते है। उन्होंने कहा हमारे अंदर संतोष रहा तो खुद धन भी हमारे पास आयेंगा। और ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी मनिषा दीदीजी ने कमेंट्री व्दारा परमात्मा से योग का अभ्यास कराया। साथ ब्रह्माकुमारी सिमा बहेन और उनकी टीम ने शरीर का भी योगा कराया। अलग अलग स्टेप्स व्दारा लाभ लिया गया। इसमें भी सभी ने खुशी से पार्टिसिपेट किया। सभी को योग दिवस की शुभकामनाए दि।