नागपुर समाचार : स्कूल की खिड़की से आसमान को निहारते वह पूरे आकाश को नापना चाहती थी. उसके सपनों की उड़ान को आखिर सफलता मिली. नीली पोशाक में किसी वायुसेना अधिकारी को देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो जाता था. मन में बस एक ही लालसा थी कि किसी दिन उसे भी यह पोशाक पहनने मिले और वह अपने देश की सेवा कर पाए. आज उसका यह सपना सच हुआ. सिटी की अंतरा रवि मेहता को वायुसेना में कमिशन्ड प्राप्त कर महाराष्ट्र की पहली वायुयोद्धा होने का गौरव प्राप्त किया है. वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट वह पहली लड़की होगी. यदि बेटी सेना में जाने की बात करें और उस पर फाइटर पायलट बनने की इच्छा जाहिर करें तो परिजनोंमें थोड़ा डर तो होता है, लेकिन अंतरा को अपने परिवार का पूरा सपोर्ट मिला. आज उसने केवल अपने परिवार का ही नहीं बल्कि संतरानगरी का भी नाम रोशन किया है.
अंतरा ने कहा कि
बचपन से जो इच्छा थी वह नीली वर्दी पहनने का गौरव प्राप्त हुआ. अब बस देश की सेवा और सुरक्षा करना है. अपनी आगे की ट्रेनिंग को लेकर वह उत्साहित है. जिन फाइटर एयरक्राफ्ट पर वह पायलट्स को देखती थी अब उसे उड़ाने का मौका मिलेगा. चाहे जैसी भी चुनौती हो वह डटकर सामने करने के लिए तैयार.
पैसा नहीं थ्रिलिंग जॉब चाहिए थी
माउंट कार्मेल कान्वेंट से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अंतरा ने रामदेव बाबा इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश लिया. पढ़ाई पूरी करने के साथ ही कालेज में कैंपस प्लेसमेंट के लिए कंपनियां आने लगी. लेकिन मैं 10 से 5 वाला ऑफिस वर्क नहीं करना चाहती थी. मुझे शुरुआत से ही वायुसेना का हिस्सा बनना था. दिसंबर 2018 में मैंने एयर फोर्स अकादमी में प्रवेश लिया. हैदराबाद के डुंडीगल में स्थित अकादमी में 1 वर्ष की ट्रेनिंग हुई. पहले चरण में पिलाटस पीसी-7 से ट्रेनिंग हुई. यहां भी ग्राउंड ड्यूटी का विकल्प सामने था, लेकिन मैंने फाइटर ट्रेनिंग विंग में जाने का फैसला लिया. दूसरे चरण की ट्रेनिंग किरण एमके। में हुई. शनिवार को अकादमी में 123 प्रशिक्षुओं के साथ पासिंग आउट परेड में उसने भी वायुसेना में कमिशन्ड प्राप्त किया. यह खबर मिलते ही परिजन और रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई. चाचा शशि और चारची अनिता मेहता ने भी उसे बघाई दी.
अब शुरू होगी असली लड़ाकू ट्रेनिंग
अंतरा को शुरुआत से ही चुनौतीपूर्ण कामों में ही रुचि थी. अब वह लड़ाकू विमान में ट्रेनिंग के लिए तैयार है. जल्द ही एयरफोर्स स्टेशन बिदर और कलाईकॉडा में उसे एडवान्स जेट हॉक विमान में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद वह दुश्मन से लोहा लेने के लिए तैयार होंगी.
फैमिली का सपोर्ट जरूरी
अंतरा ने बताया कि इस तरह का निर्णय लेने पर परिजनों का साथ होना बहुत जरूरी है. हमेशा से ही माता-पिता से चर्चा करती थी. उन्होंने कभी मुझे रोक-टोक नहीं की. मैं जो करना चाहती थी करने दिया. हमेशा मेरे साथ ढाल बनकर खड़े रहे. परिवार में कोई भी रक्षा क्षेत्र में नहीं गया था. जब मैंने फाइटर पायलट बनने की इच्छा जाहिर की तो मां को थोड़ा डर जरूर लगा, लेकिन पिता ने पीठ थप-थपाई और आगे बढ़ने को कहा.