15 लाख रुपए की हेराफेरी
नागपुर समाचार : नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स (एनवीसीसी) के सदस्य वर्तमान अध्यक्ष अश्विन मेहाड़िया द्वारा लिए फैसलों से नाराज होकर पूर्व अध्यक्षों के समूह के नेतृत्व में सदस्यों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आईडीबीआई बैंक, गुप्ता हाउस, सिविल लाइंस के पास एकत्रित होकर एनवीसीसी कार्यालय तक मार्च निकाला और प्रदर्शन कर एनवीसीसी कार्यालय का घेराव किया।
डा. दीपेन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि वर्तमान पदाधिकारी अश्विन मेहाड़िया अपनेे अनुचित प्रभाव से चेंबर को हाईजैक कर लिया है। वे इसे अपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाते हैं। पदाधिकारियों ने एसोसिएशन ऑफ आर्टिकल्स (उपनियम/संविधान/एओए) में प्रस्तावित संशोधनों को परिचालित किए बिना और कार्यकारी सदस्यों को अंधेरे में रखते हुए पदाधिकारियों को अपने हित के प्रावधानों को शामिल किया है। वर्तमान प्रबंधन लगभग 600 सदस्यों को उनकी सदस्यता का नवीनीकरण करने से रोक रहा है ताकि उन्हें चेंबर की आगामी 78वीं एजीएम में भाग लेने से अयोग्य घोषित किया जा सके। डा. अग्रवाल ने कहा कि चेंबर के पदाधिकारियों के पद के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि सभी सदस्यों को उपनियमों के अनुसार अपनी सदस्यता को नवीनीकृत करने की अनुमति दी जाए।
15 लाख रुपए की हेराफेरी की : एनवीसीसी के पूर्व अध्यक्ष रमेश मंत्री ने कहा कि अश्विन मेहाड़िया को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) द्वारा 01/11/2016 से 31/10/2021 तक किसी भी कंपनी के निदेशक होने के लिए अयोग्य ठहराया गया था, इस तथ्य को छुपाते हुए वह 2019 में चेंबर के अध्यक्ष बने और फिर 2020 में। पदाधिकारियों ने सतर्कता के विपरित आरओसी के कार्यालय में भाग लेने के लिए कानूनी खर्च और मुंबई की लक्जरी यात्रा के लिए करीब 15 लाख रुपए की हेराफेरी की है।
एनवीसीसी के पूर्व अध्यक्ष नीलेश सूचक ने कहा कि हमने सदस्यता के गैर-नवीकरण के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रतिनिधिमंडल और निश्चित बैठक समय के बारे में चेंबर के सचिव, रामावतार तोतला को सूचित किया था। आश्चर्य की बात यह रही कि सदस्यों की जायज मांगों का जवाब देने के लिए न तो सचिव और न ही कोई पदाधिकारी कार्यालय में मौजूद था।
धरना शांतिपूर्ण रहे यह सुनिश्चित करने के लिए सीताबर्डी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अतुल सबनीस मौके पर पहुंचे। विरोध प्रदर्शन में प्रफुल्ल दोशी, रमन पैगवार, संदीप अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, राकेश ओहरी, सुनील जेजानी, चुन्नी शाह, राजू मखीजा, सुमित शर्मा, गिरीश लिलड़िया, विनय डालमिया, अतुल मशरू, ब्रजेश खेमका, अमजद, मनीष जेजानी, कमलेश समर्थ, मधुसूदन अग्रवाल, दिलीप ठकराल, धर्मेश वेद, अशोक संघवी, पंकज पड़िया, राजेश आहूजा व सैकड़ों व्यापारी शामिल हुए।