नागपूर समाचार : नागपुर के पुराने नंदनवन क्षेत्र (प्लॉट क्र. 80) की निवासी सौ. उषा रामकृष्ण इंगले ने कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मनपा की वैध कार्रवाई के समय पुलिस ने न तो सुरक्षा दी और न ही गुंडों की भीड़ से उनकी रक्षा की।
उषा इंगले के अनुसार उनका मकान 55 वर्ष पुराना है और मार्च 2024 में उसका एक बड़ा हिस्सा ढह गया था। इसके बाद उन्होंने हनुमान नगर ज़ोन में शिकायत की, जिस पर नगर निगम ने 4 नवंबर 2025 को अनधिकृत बांधकाम हटाने की नोटिस जारी की।
उन्होंने 6 नवंबर को कोतवाली थाने से पुलिस सुरक्षा मांगी, पर पुलिस ने कहा कि अनुमति यहां से नहीं मिलेगी। सीपी कार्यालय पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि उनका पुलिस संरक्षण प्रस्ताव रिजेक्ट हो चुका है।
11 नवंबर को जब मनपा जेसीबी लेकर पाडकाम शुरू करने पहुँची, तब उषा इंगले के अनुसार राजेंद्र पंजाबराव राजुरकर के समर्थन में 20–25 गुंडे और 4–5 महिला बाउंसर घर के सामने जमा हुए, धमकियाँ दीं और हंगामा किया। उन्होंने 112 पर कॉल किया, मगर मौके पर पहुंची पुलिस ने नोटिस को ‘फर्जी’ बताते हुए कोई सहायता नहीं की।
अगले दिन 12 नवंबर को भी 30–40 गुंडे घर के बाहर बैठे थे। बाउंसरों ने गेट पर ताला लगाकर उन्हें अपने ही घर में जाने नहीं दिया, यहाँ तक कि वाशरूम जाने से भी रोका गया। उषा इंगले का आरोप है कि पुलिस सब देखती रही, पर कुछ नहीं किया।
उन्होंने पुलिस आयुक्त से शिकायत कर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई और न्याय की मांग की है।




