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नागपुर समाचार : महाराष्ट्र शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से शुरू होगा

संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदारी ने तैयारियों की समीक्षा की; व्यवस्थाओं के सख्त और योजनाबद्ध कार्यान्वयन के निर्देश दिए

नागपुर समाचार : महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी में जुटा है, वहीं राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से शुरू होने वाला है। यह सत्र आगामी चुनाव आचार संहिता की छाया में शुरू होगा, जो दिवाली के बाद लागू होने की संभावना है। सत्र का समापन 19 दिसंबर को होने की संभावना है।

आचार संहिता लगभग तीन महीने तक लागू रहने की उम्मीद है, ऐसे में यह देखना बाकी है कि चुनावी गतिविधियों के बीच सरकार अपने विधायी कार्यों का प्रबंधन कैसे करेगी।

संभागीय आयुक्त द्वारा तैयारियों की समीक्षा

मंगलवार को, संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदारी ने सत्र की सभी व्यवस्थाओं को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से निष्पादित करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई।

बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर, नगर निगम की संयुक्त आयुक्त वसुमना पंत, पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार, यातायात पुलिस उपायुक्त लोहित मतानी, अतिरिक्त आयुक्त (सामान्य प्रशासन) तेजूसिंह पवार और लोक निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता लक्ष्मीकांत राउलकर सहित विभिन्न विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

चर्चा के मुख्य बिंदु

अधिकारियों ने सत्र के दौरान नागपुर आने वाले मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नौकरशाहों के आवास और परिवहन व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की।

बिदारी ने विभागों को निर्देश दिए

आवास और परिवहन प्रणालियों को सटीकता से लागू करें।

उन्नत टेलीफोन और इंटरनेट सुविधाएँ स्थापित करें।

सभी सरकारी आतिथ्य सेवाओं में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता के लिए कड़े मानक बनाए रखें।

पर्याप्त पुलिस बल और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें।

प्रमुख स्थलों के आसपास यातायात और परिवहन प्रवाह सुचारू बनाए रखें।

पूरे सत्र के दौरान स्वच्छता, जल आपूर्ति, अग्निशमन, स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करें।

शीतकालीन सत्र का संभावित कार्यक्रम

शीतकालीन सत्र 12 दिनों तक चलेगा, जिसमें दो अवकाश (13 और 14 दिसंबर) शामिल हैं।

10 कार्यदिवसों में सक्रिय विधायी कार्य, बहस और नीतिगत चर्चाएँ होंगी।

सत्र की मुख्य विशेषताए

8 दिसंबर: अध्यादेशों का प्रस्तुतीकरण, 2023-24 के लिए अनुपूरक माँगों की प्रस्तुति और शोक प्रस्ताव।

10-11 दिसंबर: अनुपूरक माँगों पर चर्चा और मतदान।

15-19 दिसंबर: दोनों सदनों में सरकारी कार्य और विभागीय बहस।

बिदारी ने सभी विभागों के बीच निर्बाध समन्वय के महत्व पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागपुर, जो परंपरागत रूप से शीतकालीन सत्र की मेजबानी करता है, विधायी कर्तव्यों और चुनावी गतिविधि के दबाव दोनों को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है।