नागपुर समाचार : मनपा के आम चुनाव लगभग ८ वर्षों के इंतजार के बाद होने के कारण इच्छुकों में उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष २०१७ के चुनाव की तुलना में इस वर्ष के आम चुनाव में लगभग १४५७ से अधिक नामांकन दाखिल हुए हैं। हालांकि चुनावी अखाड़े में इनमें से कितने प्रत्याशी बचे रहेंगे इसका निर्णायक आंकड़ा ३ जनवरी के बाद ही उजागर होगा किंतु प्राथमिक स्तर पर १४५७ उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है जिसमें सबसे कम नामांकन लक्ष्मीनगर जोन में कुल ७७ नामांकन दाखिल किए गए, जबकि सर्वाधिक इच्छुकों की बाढ़ आसीनगर जोन में देखी जा रही है। जहां कुल १९० इच्छुको ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष २०१७ में हुए मनपा के आम चुनावों में १५१ सीटों के लिए कुल १,१३५ प्रत्याशियों ने ताल ठोकी थी, जबकि ८ वर्षों के इंतजार के बाद होने जा रहे अब के चुनाव में कुल १४५७ प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से अलग-अलग महानगर पालिकाओं में अलग-अलग गठबंधन करने के संकेत दिए गए थे किंतु नागपुर महानगर पालिका में दोनों दलों ने युति और आघाड़ी के रूप में लड़ने की काफी पहले घोषणा की थी जिसके लिए नामांकन के अंतिम दिन तक सीटों के बंटवारे को लेकर नेताओं की बैठक तो हुई किंतु इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। यही कारण रहा कि अब सभी राजनीतिक दलों ने एकला चलो रे का नारा दिया है। यहां तक कि सभी दलों ने प्रत्याशियों की सूची भी घोषित कर दी जिससे अब नागपुर महानगर पालिका के चुनाव में कई प्रभागों में त्रिकोणी मुकाबला भी देखने को मिल सकता है।
जानकारी के अनुसार भाजपा और कांग्रेस की ओर से कई दावेदारों की टिकट काटी गई है। यहां तक कि कुछ पूर्वपार्षदों की टिकट भी काटी गई जिससे अब कुछ पूर्व पार्षद राष्ट्रवादी कांग्रेस के अलग-अलग गुटों का दामन थाम रहे है वहीं कुछ इच्छुक बसपा से जोर आजमाइश करने के लिए तैयार हो रहे हैं। यहां तक कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने की सूरत में कुछ इच्छुक राज्य की सत्ता भागीदारी वाली शिवसेना (शिंदे गुट) से टिकट लेकर भाजपा के करीबी बने रहने की कोशिश कर रहे हैं।




