नागपुर समाचार : प्रति वर्ष की तरह ब्रह्माकुमारीज के द्वारा वसंतनगर स्थित सेवाकेन्द्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रंगारंग कार्यक्रम बडे धुमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव तथा जीवन चरित्र से संबंधित दृष्टांतों का मानव जीवन से क्या संबंध है उसका आध्यात्मिक अर्थ स्पष्ट करते हुये यशोदा एवं बालकृष्ण, शेषनाग पर खडा मनमोहन, श्रीकृष्ण बासुरी बजाते हुए, शिशुपाल वध साथ में श्रीकृष्ण के चरित्रों पर आधारित गीत, संगीत, नृत्य की प्रस्तुतीयां कलाकारों द्वारा साकार की गई।
इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथी श्री राजेश जी खवले, अॅडीशनल कमिश्नर, रिवेन्यु, नागपुर डिवीजन, नागपुर, श्री प्रकाश जी महामुनी, आदरणीया ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी जी, संचालिका, ब्रह्माकुमारीज नागपुर, आदरणीया ब्रह्माकुमारी मनिषा दीदी जी, सह-संचालिका ब्रह्माकुमारीज नागपुर, ब्रह्माकुमार प्रेमप्रकाश भाई जी आदि के द्वारा सभी ने मीलकर श्रीकृष्ण के मनोरम झांकियों का दिप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आदरणीया ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी जी ने सभी नागपूर वासियों को जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई देते हुये जन्माष्टमी का रहस्य स्पष्ट करते हुये कहां की, कान्हा, मनमोहन, गिरधर, गोपाल, श्रीकृष्ण आदि कई नामों से उनको जाना जाता है। या श्रीकृष्ण ने भी निराकार परमात्मा की पुजा कि है इसलिये उनका नाम गोपेश्वर, योगेश्वर पडा। उनके हर नाम गुणवाचक, कर्तव्यवाचक है। श्रीकृष्ण अर्थात आकर्षण करने वाला आकर्षण मुरत। कृष्ण जनम की परिस्थितीयां आज के वर्तमान को दर्शाती है। जब नर नारी कंस के जेल में बंद है जहां मात पिता का भी रिस्पेक्ट नहीं, जहां संबंधों कि एकता नहीं, संबंधों में विश्वास नहीं। उनके राज्य में हर नर नारी त्राही त्राही कर रहे है ऐसे समय पर श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
उन्होने श्रीकृष्ण की लिलाओं का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुये कहां उसी कृष्ण को श्याम भी कहते तो सुंदर भी कहते है। श्रीकृष्ण सतयुगी दुनिया के प्रिन्स थे। जगत के रखवाले, गौपाल वह अभी है। दही हंडी को तोडना या गोपालकाला बनाना इसमें बहुत गहरे राज को स्पष्ट करते हुये उन्होने आगे कहां कि वे मनुष्य की पत्थर सी कठोर बुध्दी रुपी मटकी को तोडते है। माखन चुराने का भाव वस्तु या पदार्थों की चोरी से नहीं परंतु गुणरुपी माखन वह सबसे चुराते है। माखन अर्थात शक्ती प्रदान करने वाला। उन्होने कालिया मर्दन का अर्थ स्पष्ट करते हुये कहां कि इस सृष्टि पर विवेक शुन्य, भावना शुन्य अपवित्र मनुष्य. अहमभाव का प्रतिकात्मक कालिया रुपी आसुरी वृत्ती पर विजय का प्रतिक है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुंदर संस्कार की रास करे। इस तमोप्रधान बुध्दी रुपी मटकी को तोडे और गोपालकाला सब मिल बाटकर खाये। गोपालकाला में हर गोप के घर कि सभी चीजे मिक्स करके काला बनाया जाता है, अर्थात रास और काला दोनों का मिलन होता है। काला खट्टा, मिठा, नमकीन, फुट, अनाज हर चीज उसमें मिलायी जाती है। अर्थात हर एक से गुण उठाकर हम गोपाल काला तयार करे परंतु आज अवगुणों का चष्मा पहना हुआ होने कारण गुणों का काला नहीं कर सकते। एक घर के चार व्यक्ती भी काले जैसा मिक्स होकर नहीं रहते। हर आत्मा के गुण हमें उठाने है, वर्तमान समय मनुष्यों के आखों में अवगुण की पटटी बांधे होने के कारण गोपालकाला जैसा नहीं रह पाते, संस्कार मिलन की रास भी नहीं कर पा रहे। मनुष्य अपने ही घर में पैसा काला तैयार करे या ऐसी रास करे जो सारे संसार में महारास हो जाये वह है श्रीकृष्ण की दुनिया।
यह जन्मोत्सव, आनंदोत्सव हमे प्रेरणा देता है कि माखन जैसा शक्तिशाली बनो, गोपाल काले जैसा सबसे घुलमिल जाओ, अधर्म पर धर्म का विजय, असत्य पर सत्य का विजय है। परंतु यदि घर घर में भिन्नता है तो रास नहीं कर पायेंगे इस जन्माष्टमी पर एक दुसरे के संस्कारों को समझकर के रास करे, आकर्षित करने वाले श्रीकृष्ण के सारे गुणों को अपना ले। जैसे इस दुनिया में पढ़ाई कि डिग्री रहती है वैसे देवी देवताओं कि भी डिग्री है वह है 16 काल सम्पूर्ण, सर्वगुण सम्पन्न, मर्यादा पुरुषोत्तम्, सम्पूर्ण पायन, अहिंसा परमो देवीदेवता धर्म है। उनमें रिचक मात्र भी काम, कोध, लोभ, मोह ईर्ष्या अहंकार का अंश है यही डिग्री है। वर्तमान समय यह घडीया हमें आवाहन कर रहीं है की हम श्रीकृष्ण समान गुण धारण करे। सच्ची जन्माष्टमी तब ही होगी जब हम श्रीकृष्ण के समान गुणवान बनेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथी श्री राजेश जी खवले, अॅडीशनल कमिश्नर, रिवेन्यु, नागपुर डिवीजन उन्होने अपने मनोगत व्यक्त करते हुये कहां कि, मैं भी कृष्ण मक्त हूं, मुझे बहुत अच्छे माहोल में आने के मौका मिला। श्रीकृष्ण का चरीत्र हम सभी के मन को भाता है। वे जब बाल अवस्था में थे तो कितने मोहक थे कि सारा गोकुल उनको चाहता था. युवा थे तो सारे गोप गोपी उनके प्रेमरस में डुबे रहते थे और कुरुक्षेत्र में गये तो शक्तिशाली जीवन दर्शन का ज्ञान कराया, यह सारे ही गुण श्रीकृष्ण में थे। उन्होने आगे कहां कि मैं अपने को भाग्यशाली समझता हूं कि इतने सुंदर आयोजन में आने का मौका मिला।
जिल्हा परिषद के चीफ एक्झीक्यूटिव ऑफीसर के पिताश्री श्री प्रकाश जी महामुनी ने कहां कि हमारे जीवन की यात्रा असत्य से सत्य कि ओर होनी चाहिये, यदि थोडा भी ज्ञान बुध्दी में आ जाये तो हमारा जीवन का कल्याण होना निश्चित है। अपने जीवन के अनुभव भी उन्होने सभी के साथ सांझा किये।
शिशुपाल वध की झांकी ने सबका मन मोह लिया। अंत में दही हंडी का कार्यकम भी सम्पन्न हुआ। आभार प्रदर्शन नागपुर सेवाकेन्द्र की उपसंचालिका बी. के राजयोगिनी मनिषा दीदी जी ने किया। बारीश के बावजुद भी सभी भाई बहनों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिती दर्ज की। सभी ने मनमोहक, सुंदर झाँकियों एवं सांस्कृतिक नृत्य का आनंद लिया। इस कार्यक्रम का संचालन बीके स्मिता बहन, बीके करिश्मा बहन ने किया।