- Breaking News, नागपुर समाचार

रोचक जानकारी : इंद्रधनुष के बारे में लोगों को रहती हैं ये 7 भ्रांतियां

रोचक जानकारी : इंद्रधनुष (Rainbow) आसमान में रंगीन चक्राकार, धनुष के आकार का रंगीन नजारा होता है जो नीले आसमान की खूबसूरती को बहुत बढ़ा देता है. लेकिन इंद्रधनुष को लेकर लोगों में बहुत सारी गलत जानकारियां या भ्रांतियां (Myths about Rainbow) भी हैं. इनके आकार, इनके बनने की प्रक्रिया, इनके रंग (Colours of Rainbow) , आदि कई बाते हैं जिनके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है और उन्हें यह तक पता नहीं है कि उनकी जानकारी गलत है.

इंद्रधनुष (Rainbow) सभी को अच्छे लगते हैं. लोग उनकी तस्वीरें लेना चाहते हैं और उन्हें बार बार देखना चाहते हैं. बच्चों में इनके इनके प्रति विशेष आकर्षण होता है. लोगों को प्रकृति (Nature) की इस अनूठी कलाकृति के बारे में कई भ्रांतियां (Myth about Rainbow) होती हैं. इनमें से सबसे बड़ी गलतफहमी यही है कि इसमें सात रंग होते हैं. वास्तव में इसमें लाखों रंग होते हैं लेकिन दिखते प्रमुख तौर से सात ही है. बाकी हर रंग की तरंग होती हैं लेकिन दिखाई नहीं देती हैं. वास्तव में इंद्रधनुष में स्पैक्ट्रम की हर तरंग होती जिसका अलग अलग रंग होता है. 

इंद्रधनुष (Rainbow) देखने में ज्यादातर बेहतरीन आर्च (Arched Shaped) या अर्द्धगोलाकार दिखाई देते हैं. लोग सामान्यतः यही मानते हैं कि उनका यही आकार होता है. लेकिन यह सच नहीं हैं वास्तव में इंद्रधनुष पूरे के पूरे वृत्ताकार (Full Circular) में ही होते हैं लेकिन जमीन से इनका कुछ हिस्सा ही एक बार में दिखाई देता है.इसकी वजह यह है कि हम केवल वही प्रकाश देख पाते हैं जो हवा में पानी की बूंदों के द्वारा क्षितिज के ऊपर प्रतिबिम्बित होता है. उससे नीचे का इंद्रधनुष हम धरती से नहीं देख पाते हैं. लेकिन ऊंचे आकाश से यह वृत्त पूरा दिखाई देता है. 

इंद्रधनुष (Rainbow) के बारे में एक बड़ा सच जो लोगों को नहीं मालूम है, वह यह है कि इंद्रधनुष सभी को एक जैसा नहीं दिखाई देता है. वास्तव में कोई भी दो लोग एक ही इंद्रधनुष को नहीं देखते हैं. इंद्रधनुष देखना वास्तव में क्षितिज (Horizon) के ऊपर बारिश की बूंदों से प्रतिबिम्बित प्रकाश (Reflecting light)को देखना होता है. लेकिन हर व्यक्ति के लिए क्षितिज अलग ही होता है. इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि इंद्रधनुष का केंद्रबिंदु हमारी आंख और सूर्य के बीच की रेखा होती है जो हर इंसान के लिए अलग होती है इसलिए हर इंसान का देखा इंद्रधनुष भी अलग होता है.

लोगों में एक प्रचलित धारणा यह भी है कि इंद्रधनुष (Rainbow) हमेशा बारिश (Rainfall) के बाद ही दिखाई देता है. अंग्रेजी शब्द रेनबो भी रेन यानि बारिश के शब्द से बना है. इंद्रधनुष बनने के लिए हवा में क्षितिज के ऊपर पानी की बूंदों का होना जरूरी है. लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे बूंदों बारिश की वजह से ही हों. कई बार तो धुआंधार झरने (Waterfall) के ऊपर भी इंद्रधनुष बनते देखे जाते हैं. बारिश की बूंदों के साथ सूर्य की किरणों का सही कोण (42 डिग्री) इंद्रधनुष बनने के लिए काफी है. 

जब इंद्रधनुष (Rainbow) की बात करते हैं तो पानी की बूंदें और सूर्य की रोशनी (Sunlight) उसके प्रमुख घटकों में शामिल करते हैं. लेकिन ऐसा होता तो इंद्रधनुष केवल दिन ही के समय निकलता है. लेकिन दुनिया के कई इलाकों में कई बार रात को भी इंद्रधनुष देखा जाता है इसे अंग्रेजी में मूनबो (Moonbow) कहते हैं. ऐसे इंद्रधनुष तब बनते हैं जब सूर्य की रोशनी जगह चंद्रमा की रोशनी पानी की बूंदों से प्रतिबिम्बित होती है. 

बहुत से लोगों को इसके बारे में पता तो है लेकिन अच्छे से नहीं पता है. लोगों को लगता है कि इंद्रधनुष (Rainbow) का दिन के समय से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन यह गलत है. केवल बारिश होना या फिर हवा या क्षितिज (Horizon) में पानी की बूंदों के होने से ही इंद्रधनुष नहीं बन जाता है. बहुत सारी जगहों पर पानी दिन के ढलते समय ज्यादा गिरता है और वहां इद्रधनुष बनने की संभावना ज्यादा होती है. इससे भी अहम बाद सूर्य की रोशनी (Sunlight) का सही कोण दिन के हर समय नहीं बनता, लेकिन उच्च अक्षांशों की कहानी कुछ अलग ही होती है जहां सूर्य की रोशनी का कोण अक्सर 42 डिग्री से कम होता है. इस तरह इंद्रधनुष का समय से गहरा नाता है. 

लोगों को लगता है कि ज्यादा से ज्यादा दोहरे इंद्रधनुष (Rainbow) ही हो सकते हैं. लेकिन हकीकत यह है कि ये दोहरे (Double Rainbow),क्षतिहरे, चार गुना और कई गुना वाले इंद्रधनुष हो सकते हैं. दोहरे इंद्रधनुष तब बनते हैं जब प्रकाश पानी की बूंदों (Raindrops) में दो बार प्रतिबिम्बित होता है. ऐसे में प्रमुख इंद्रधनुष के ऊपर ही एक दूसरा इंद्रधनुष बनता है. ऐसे में दूसरे इंद्रधनुष के रंग भी उल्टे दिखते हैं. लेकिन जैसे जैसे इनकी संख्या बढ़ती जाती है ऊपर के इंद्रधनुष धुंधले होते जाते हैं. वैज्ञानिकों ने तो प्रयोगशाला में 200 इंद्रधनुष भी एक ही बार में निकाले हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *