नागपुर समाचार : मंगलवार, 25 मार्च को नागपुर सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच आत्म-अनुशासन और सकारात्मक परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए एक सांस्कृतिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “जीवन गाने गाच जावे” नामक यह कार्यक्रम महाराष्ट्र सांस्कृतिक मामलों के विभाग और जेल और सुधार सेवाएं, पुणे के सहयोग से आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैदियों में देशभक्ति की भावना भरना और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करना था। इसमें मनोरंजन, प्रेरक भाषण और पुनर्वास में सहायता के लिए कौशल निर्माण पहल शामिल थी।
कार्यक्रम का उद्घाटन जिला सूचना अधिकारी, नागपुर विनोद रापटवार ने जेल अधीक्षक वैभव आगेय, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अर्चना सिंगम और अतिरिक्त अधीक्षक दीपा आगेय सहित अन्य की उपस्थिति में किया।
कैदियों को संबोधित करते हुए विनोद रापटवार ने उन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और पिछली गलतियों को भूलने के लिए प्रोत्साहित किया। अधीक्षक वैभव आगी ने विभिन्न सुधार कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले 90 दिनों में 150 कैदियों को समाज में फिर से शामिल होने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।
इस कार्यक्रम में मुकुल पांडे, विजय साहू, स्नेहा डोंगरे और भक्ति चौधरी सहित कई कलाकारों ने संगीत और नृत्य प्रस्तुतियां दीं। यशवंत बनकर ने कार्यक्रम की मेजबानी की, जिसका समापन दीपा आगी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
यह पहल कैदियों के पुनर्वास के प्रति महाराष्ट्र सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिसमें कैदियों को बेहतर भविष्य की ओर मार्गदर्शन देने के लिए सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का उपयोग किया जाता है।